अब नलिनी भी नील की बाहों में टूट कर बिखर जाना चाहती थी। अब नलिनी भी नील की बाहों में टूट कर बिखर जाना चाहती थी।
नलिनी की आँखों में आँसू फूल पर गिरी ओस के मानिंद चमक रहे थे ! नलिनी की आँखों में आँसू फूल पर गिरी ओस के मानिंद चमक रहे थे !
पानी के बिना मनुष्य का जीवन असंभव पानी के बिना मनुष्य का जीवन असंभव
वो भी उतनी ही इस प्रकृति की स्वामी हैं जितना मानव है। वो भी उतनी ही इस प्रकृति की स्वामी हैं जितना मानव है।
उसके मन की सिसकियों की आवाज उसके अपने ही अनसुनी कर रहे थे। उसके मन की सिसकियों की आवाज उसके अपने ही अनसुनी कर रहे थे।
प्यार की कोई भाषा नही होती। प्यार के लिए शब्दो की नही भावनाओ की अहमियत होती है। प्यार की कोई भाषा नही होती। प्यार के लिए शब्दो की नही भावनाओ की अहमियत होती है।